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नंबर बोले, किस्मत खोले

ज्येतिष

संदर्भ: न्यूमरोलॉजी

प्रस्तुति: ऐस्ट्रोविजन

अंक ज्योतिष

नंबर बोले, किस्मत खोले

आज के डिजिटल दौर की दुनिया में मेाबाइल नंबर से लेकर घर का नंबर, बैंक खाता नंबर, एटीएम पीनकोड नंबर, गाड़ी नंबर, बस नंबर, ट्रेन नंबर का महत्व बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति का रहन-सहन नंबरों से संचालित हो रहा है। हर पल साथ देने के लिए तत्पर सभी तरह के नंबर के बिना जिंदगी अधूरी, असहाय और अटकी हुई बन जाती है। इस तरह से देखें तो पाएंगे कि नंबर अर्थात अंक जितना वर्तमान से जुड़ा हुआ है उतना ही भविष्य से भी संबंध रखता है। यह अगर बीते दिनों के कामकाज को सहेज कर रखने में मददगार बनता है तो बर्तमान में भविष्य के लिए बुनियाद को मजबूत कर भाग्य का निर्माता भी बनता है। इस बारे में अंक ज्योतिष से विस्तृत जानकारी मिल सकती है।

अंक ज्योतिष का महत्व

दिल्ली के अवतार चैहान कुछ भी करने से पहले अपने पसंदीदा अंक की मांग कर बैठते हैं। वाहन खरदना हो या फिर मोबाइल का नया नंबर लेना हो, उन्हें तो ऐसा नंबर चाहिए, जिनके अंत में एक हो या फिर सभी अंकों का योग अंक एक बन जाए। कारण उनकी निगाह में यह अंक उनके लिए फायदेमंद है। ऐसा वेे अंक ज्योतिष से पता करने के बाद मानने लगे हैं। ड्रा कोई भी हो चाहे मकान के अलाटमेंट का या लाटरी का, हर जगह हम अंकों में अपना भविष्यफल खोजने लगते हैं।

दिल्ली में एक राजनेता के घर की सभी गाड़ियों का नंबर सिर्फ 6 के अंकों की है । यहां तक कि उन्हें जो सरकारी कोठी मिली हुई है वह भी इसी नंबर से मेल खाती है। ऐसा ही कुछ दिल्ली की 42 वर्षीया सुनीता साहनी का है। उनके लिए अभी तक की जिंदगी में अंक 7 की खास अहमियत रही है। न केवल उनकी जन्म की तारीख इस अंक की है, बल्कि आज तक उनकी जिंदगी में जितने भी अहम काम हुए हैं, सभी में तीन अंक का साथ बना रहा है। चाहे शादी की तारीख हो, वर्ष हो या फिर दोनों बच्चे के जन्म की तारीख, मकान का नंबर, मोबाइल का नंबर आदि, सभी में अंक सात का संयोग बना रहा है। यह कहें कि उनके लिए अगर सात का अंक जिंदगी में आगे बढ़ने में सहायक रहा है तो इसे वह अपने लिए बहुत ही शुभ मानती आई हैं। इसलिए जब भी कोई नई शुरूआत करनी होती है तो इसी अंक को प्राथमिकता देती हंै। और दे भी क्यों नहीं, क्योंकि अंक विज्ञान भी तो ज्योतिष की ही एक शाखा है। अंकों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। आज हम कोई वाहन खरीदने जाते हैं तो सोचते हैं कि यदि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर अपने अनुकूल मिल जाता तो ज्यादा अच्छा होता। यही नहीं जब हम मकान खरीदने जाते हैं, या मित्र बनाते हैं, नाम रखते हैं या परीक्षाओं में रोल नंबर देखते हैं तो गणना करने लगते हैं कि यह नंबर हमारे अंक के अनुकूल है या नहीं।

यही नहीं आजकल आप देखेंगे कि बड़े-बड़े फिल्मी सितारे, बड़ी से बड़ी सफल हस्तियां भी अंक विज्ञान के प्रभाव से अछूती नहीं हैं और ऐसा वास्तव में देखा भी गया है कि नाम परिवर्तन करके लोगों ने ख्याति भी अर्जित की है, जो अंक ज्योतिष के आधार पर ही किया जाता है। वे अपने नाम के अक्षरों में आंशिक बदलाव कर अपने भाग्य के अनुकूल अंक प्राप्त करते हैं, ताकि उनकी सफलता में कोई अड़चन नहीं आने पाए। आज अधिकतर लोग चाहे वह सामान्य व्यक्ति हो या कोई फिल्मी हस्ती, सभी लोग अपने नाम में परिवर्तन करके सफलता को प्राप्त कर रहे हैं। फिल्मी क्षेत्र में, औद्योगिक क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों में कार्य करने वाले अनेक लोगों ने अंक शास्त्र के आधार पर अपने नाम की स्पैलिंग में परिवर्तन किया है और सफलता भी प्राप्त की है।

यदि व्यक्ति तारीख, मास, वर्ष, वार के साथ-साथ अनुकूल ग्रह की होरा में महत्वपूर्ण कार्य करे तो सफलता और भी अधिक आसानी से प्राप्त की जा सकती है। सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक लगभग 24 घंटे के समय अंतराल में 24 होरायें होती हैं और प्रत्येक होरा की अवधि एक घंटा होती है और जिस दिन जो वार होता है उस दिन उसी वार के ग्रह की पहली होरा होती है जैसे बुधवार को पहली होरा बुध की होगी। जिसकी अवधि सूर्योदय से एक घंटे तक रहेगी तत्पश्चात उल्टे क्रम में एक ग्रह छोड़कर दूसरे ग्रह अर्थात दूसरी होरा मंगल को छोड़कर चंद्र की होगी। इसी प्रकार अन्य होरायें होंगी और हर आठवीं होरा पुनः आ जायेगी। यानी बुधवार को आठवीं होरा पुनः बुध की ही होगी। इस प्रकार जातक अपने महत्वपूर्ण कार्यों के लिये अंक पर आधारित राशि और नक्षत्रों का भी प्रयोग कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण जन्म की तारीख और वर्ष है। जिसका संबंध बाकी के कामकाज के अंकों के साथ बना रहता है। प्रारंभिक नौ अंकों का प्रभाव दिनचर्या पर ठीक उसी तरह से पड़ता है, जिस तरह से नौ ग्रहों से पूरी जिंदगी प्रभाव में बनी रहती है। इसमे कोई संदेह नहीं है कि जिस तरह से हमारे ब्रह्मांड में नौ ग्रह हैं,उसी प्रकार हमारी सभी गणनाओं का आधार भी नौ अंक ही हैं। इन नौ अंकों के अतिरिक्त बाकी जितने भी अंक हैं वे सभी उन्हीं की पुनरावृत्ति हैं। उदाहरण के तौर पर 10 को लें तो पाएंगे कि 1 और 0 का जोड़ एक और 11 में दोनों अंकों-1 और 1 का जोड़ 2 हो जाता है। इसी तरह से 12 से हमें 3 की पुनरावृत्ति होती है। यानि कि बड़ी से बड़ी राशि से कोई भी एक अंक की प्रप्ति हो सकती है।

न्यूमरोलॉजी का सिद्धांत

न्यूमरोलॉजी अर्थात अंक ज्योतिष में दो शब्द अंक और ज्योतिष हैं । अर्थात् ऐसा विज्ञान जिसके द्वारा अंकों का प्रयोग ज्योतिष के साथ संबð करके प्रयोग किया जा सके उसे अंक ज्योतिष कहेंगे। जैसा कि विदित है- अंक 1 से 9 तक होते हैं जबकि ज्योतिष में मूल रूप से तीन तत्व हैं- ग्रह, राशि और नक्षत्र। ग्रह 9 हैं, जबकि राशियां 12 और नक्षत्र 27 होते हैं। अर्थात् नौ अंकों का संबंध 9 ग्रहों, 12 राशियों और 27 नक्षत्रों के साथ करना होता है।

अंकों के मूलभूत सिद्धांत की गणना के आधार पर उसके शुभ और अशुभ अंक प्रभाव का विश्लेषण किया जा सकता है। साथ ही ज्येतिषीय गणना के लिए शुभ और अशुभ समय अर्थात शुभ वार, तिथि, मास, वर्ष, आयु, लग्न या होरा आदि जानना हो तो उस बारेमें अंक के सिðांत का प्रयोग बखूबी जाना जा सकता है। अंक ज्योतिष के लिए कुछ मुख्य सारणियों का प्रयोग आवश्यक होता है।

अंक ज्योतिष अंकों की सहायता से भविष्यवाणी करने का विज्ञान है। इसके माध्यम से व्यक्ति के भविष्य जानने की मूलभूत इच्छा की पूर्ति होती है। इसके लिए अंक गणित के नियमों का व्यवहारिक उपयोग कर उसकेे अस्तित्व के विभिन्न पहलुओं पर नजर डाली जा सकती है।.वास्तव में अंक ज्योतिष में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। इन में से प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक कोई एक अंक निर्धारित किया गया है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है। ये नौ ग्रह मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

जन्म तिथि और ज्योतिषीय गणना

किसी भी व्यक्ति के जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, उसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व भी निर्धारित हो जाता है। एक प्राथमिक तथा एक द्वितीयक ग्रह प्रत्येक व्यक्ति के जन्म के समय उस पर शासन करता है। इसलिए, जन्म के पश्चात व्यक्ति पर उसी अंक का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, जो कि उसका स्वामी होता है। इस व्यक्ति के सभी गुण चाहे वे उसकी सोच, तर्क-शक्ति, भाव, दर्शन, इच्छाएं, द्वेष, सेहत या कैरियर हो, इस अंक से या इसके संयोग वाले साथी ग्रह से प्रभावित होते हैं। यदि किसी एक व्यक्ति का अंक किसी दूसरे व्यक्ति के अंक के साथ मेल खा रहा हो तो दोनों व्यक्तियों के बीच अच्छा ताल-मेल बनता है।

अंक ज्योतिष के अनुसार केवल एक ही नाम व अंक किसी एक व्यक्ति का स्वामी हो सकता है। व्यक्ति जीवन में अपने अंकों के प्रभाव के अनुसार ही सुदृढ़ अवसर व कठिनाइयों का सामना करता है, सच तो यह है कि अंक ज्योतिष में कोई भी अंक भाग्यशाली या दुर्भाग्यपूर्ण नहीं हो सकता, जैसे कि अंक 7 को भाग्यशाली व दो अंकों की संख्या 13 को दुर्भाग्यपूर्ण नहीं माना जाता है। इन्हें सकारात्मक और नकारत्मक अंक यानि नंबर कहा जा सकता है। वे इस प्रकार के होते हैं और उनका प्रभाव कुछ यूं पड़ता है।

सकारात्मक और नकारात्मक नंबरः अंक के सिद्धांत के अनुसार नंबर मुख्यतः दो तरह के होते हैं। एक सम और दूसरी विषम है।

विषम अंकः-1,3,5,7 और 9

सम अंकः-2,4,6 और 8

इनसे मिलकर बनने वाली गिनती की संख्या में भी इसी तरह की दो संख्याओं को विभाजित किया जाता है, लेकिन इनमें एक खास तरह की भी संख्या होती है, जिन्हें रूढ़ अंक या संख्य कहा जाता है। ये संख्या स्वयं के अलाव और किसी से भी विभाजित नहीं होती हंै। जैसेः-3, 5,7,11,13,17 इत्यादि। अंक ज्यातिष के अनुसार सम और विषम संख्याओं का दैनिक जीवन में विपरीत अर्थ और प्रभाव वाला माना गया है। जो इस प्रकार के हो सकते हैं।

सम अंकों के अर्थः पृथ्वी, नकारात्मक, भौतिकवादी यानि सांसारिक, प्राकृतिक, पिछला, कर्मप्रधान, निश्चल, अचल, निम्न, देर, अधम, अंदर आदि।

विषम अंकों के अर्थः सकारात्मक, अध्यात्मिक, सामने या अगड़ा, सक्रिय, गतिशील, आदर्श, बाहर, ऊंचा, अलौकिक, बुðिवादी, स्वर्ग, बेहतर, योग्य आदि।

प्राचीन काल से हमारी जीवन-व्यवस्था 1,2,3,4,5,6,7,8,9 एवं 0 से नियंत्रित होती आई है। इन्हें तमाम गणितज्ञों से लेकर तंत्र विद्या के जानकारों से स्वीकार किया है। व्यक्ति के जन्म दिन से प्राप्त होने वाला अंक मूल अंक कहलाता है तो जन्म की तिथि, माह और वर्ष से प्राप्त होने वाले अंक को पूर्ण अंक यानि भाग्यांक कहा जाता है। इसका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है,जो उसके संपूर्ण जीवन को प्रभावित करता है। प्रत्येक अंक अपनी निश्चित शक्ति से लोगों की दिनचर्या में समाहित रहता है। अंक ज्योतिष में इनका ग्रहों से प्रगाढ़ संबध बताए गए हैं तो इनके आपसी संबंधों का भी असर बताया गया है। अंक ज्योतिष के विद्वानों के सैफेरियल और किरो के अनुसार वर्ण की संख्या का मान निकाला गया है। इस तरह से किसी भी व्यक्ति के ऊपर तीन प्रकार के अंकों का प्रयोग किया जाता है। वे हैं- मूलांक, भाग्यांक और नामांक।

किसी व्यक्ति के बारे में जानने के लिये सबसे पहले उसकी जन्म तिथि और नाम मालूम होना चाहिए। जन्म तिथि और अंग्रेजी वर्णमाला के आधार पर नाम से उसके मूलांक, भाग्यांक, नामांक की जानकारी मिल सकती है। इसके साथ ही शुभांक का भी अंक ज्योतिष में विशेष महत्व है।

मूलांकः इसे अंग्रेजी में प्रिंसिपल नंबर भी कहा जा सकता है, जो जन्म तिथि में सिर्फ तिथि के अंकों को जोड़कर प्राप्त होता है। जैसे किसी व्यक्ति की जन्म तिथि 11 जुलाई 1964 में मूलांक के लिए जन्म की तिथि 11 के अंकों 1 और 1 का जोड़ 2 होगा। इस प्रकार से उस जन्म तिथि वाले व्यक्ति का मूलांक 2 माना जाएगा।

भाग्यांकः इसे लाईफ नंबर भी कह सकते हैं, जिसे निकालने के लिये जन्मतिथि को माह व वर्ष के साथ जोड़ना होगा। अर्थात् 1, 1, 7 ,1, 9, 6 और 4 को जोड़ने पर प्राप्त होने वाली संख्या 29 के दोनों अंकों 2 और 9 को जोड़ने पर नई संख्या 11 प्राप्त हो जाएगी। इसके दोनों अंकों 1 और 1 को जोड़ने के बाद प्राप्त अंक 2 उस व्यक्ति का भाग्यांक कहलाएगा। संयोग से इस जन्म तिथि वाले व्यक्ति का मूलांक और भाग्यांक एक समान अंक 2 है।

नामांकः इसे किसी व्यक्ति के अंग्रेजी वर्णमाला कें अक्षरों और उनसे संबंधित अंकों के अनुसार निकाला जाता है। इसके लिए चार्चित सेफरियल पðति का तरीका अपनाया जाता है। इस अनुसार नामांक निकालने के लिए अँगरेजी वर्णमाला के अक्षरों को क्रमसंख्या दी गई है जो इस प्रकार है-

A-1, B-2, C-3, D-4, E-5,

F- 6, G-7, H-8, I-9,J-1,

K-2, L-3, M-4, N-5, O-6,

P-7, Q-8, R-9, S-1,T-2, U-3,

V-4, W-5, X-6, Y-7, Z-8

उदाहरण के रूप में अमिताभ बच्चन का नामांक इस प्रकार से निकाला जाएगा।

AMITABH BACHCHAN

1492128 21383815

दानों शब्दों के सभी अंग्रेजी अक्षरों का योग क्रमशः-

1+4+9+2+1+2+8=27 और 2+1+3+8+3+8+1+5= 31

अब इस दोनों संख्या के सभी अंकों का योग होगा- 2+7+3+1=13

इसी तरह 13 के अंकों 1 और 3 का योग होगा 1+3=4 अतः अमिताभ बच्चन के अंग्रेजी अंग्रेजी वर्णमाल के अनुसार नामांका 4 होगा।

शुभांक: यह अंक भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना की और दूसरे अंकं। इसे मूलांक, भाग्यांक, नामांक और स्तूपांक के अंकों को जोड़कर निकाला जाता है। शुभांक निकालने की तीन तरीके अपनाए जाते हैं। जिनमें एक सेफरियल , दूसरी कीरो और तीसरी अंग्रेजी की पद्धतियां है। यहाँ सबसे सटीक और प्रचलित सैफेरियल पद्धति का प्रयोग करते हुए अभिताभ बच्चन का शुभांक निकाल कर उनसे संबंधित घटनाओं का वर्णर कर देखेंगे कि किस तरह से अंक ज्योतिष ने उनकी जिंदगी को प्रभावित किया है।

शुभांक निकालने हेतु जन्म तिथि, माह, वर्ष का ज्ञान आवश्यक है। अमिताभ बच्चन की जन्म तिथि के अनुसार मूलांक - 2, भाग्यांक - 2 और नामांक - 4 है।

स्तूपांकः इसे नामांक निकालने के तरीके में थोड़ा दूसेरे तरीके को इस्तेमाल कर आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। अमिताभ बच्चन के नाम को अँगरेजी में लिखकर उसके अक्षरों की क्रम संख्या को नामांक निकालने की तरह ही लिखते हैं-

AMITABH BACHCHAN



अब स्तूपांक निकालने के लिए पहले को दूसरे से, दूसरे को तीसरे से, इसी प्रकार हम चैदहवें तक गुणा करते चले जाएँगे और अंतिम अंक छोड़ देंगे। यही क्रम नीचे भी जारी रहेगा। गुणा करने के क्रम में दो अंकों की संख्या प्राप्त होने पर उनके अंकों का योग लिख जाता है। इस प्रकार से अंत में जो अंक बचेगा वही स्तूपांक होगा।

AMITABH BACHCHAN

1492128 21383815

499227 7236668

99945 456999

9992 22399

999 4469

99 976

9 99

इस तरह अमिताभ बच्चन का स्तूपांक 9 होगा। उनका शुभांक ज्ञात करना सरल है, जो उनके मूलांक, भाग्यांक, नामांक और स्तूपांक के योग से प्राप्त हो जाएगा। यानि कि 2, 2, 4 और 9 का यागेफल 17 आएगा। इस संख्या के अंकों 1 और 7 का योग 8 आता है। अतः अमिताभ बच्चन का शुभ अंक आठ होगा।

अब अगर उनके कार्याक्षेत्र और उपलब्धियों पर एक संक्षिप्त निगाह डालें तो पाएंगे कि अंक ज्योतिष के अनुसार सिनेमा के क्षेत्र में करियर बनाने और उसमें सफल होने के लिए मूलांक 2, 4, 8, 9 श्रेष्ठ होता है। अतः उक्त क्षेत्र का शीर्षक इन अंकों से प्रभावित हो रहा हो तो अति शुभ होगा। संयोगवश अमिताभ बच्चन के साथ ये जुड़े रहे हैं। जैसेः- मूलांक -2, भाग्यांक -2, नामांक-4, स्तूपांक- 9 और शुभांक -आठ।

इस आधार पर यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि लगातार 12 फिल्में फ्लाॅप देने के बाद 13वीं फिल्म उनकी सुपर हिट हुई। संख्या 13 के अंकों 1 और 3 का योग 4 हुआ। अतः 4 अंक ने 13वीं फिल्म जंजीर सुपरहिट करवाने में बहुत हद तक सहायक बना।

इसी निगाह से उनसे संबंधित एक और विचित्र पहलू फिल्म जंजीर के अंग्रेजी वर्णमाल के आधार पर निकाले गए उसके नामांक के संबंध में भी है।

JANZIR के लिए 815899 के सभी अंकों का योग 40 यानि कि 4 आता है। इस तरह से जंजीर फिल्म का योग भी 4 बन गया था।

एक और संयोग देखें। यह फिल्म सन् 1973 में बनी थी अर्थात इस वर्ष के सभी अंकों 1,9,7 और 3 का योग 20 यानि कि 2 बनता है। इसका मूलांक 2 हुआ, अमिताभ बच्चन का मूलांक और भाग्यांक नम्बर है। मूलांक 2 के लिए 1 अशुभ माना गया है, अतः यदि किसी व्यक्ति या अमिताभ बच्चन, जिनका मूलांक 2 है उनके लिए यदि तिथि, वार, माह, वर्ष सभी एक से संबंधित हों तो वह समय वैसे व्यक्ति के लिए अशुभ ही अशुभ होगा। यदि किसी व्यक्ति की जन्मतिथि ज्ञात न हो तो उस व्यक्ति के प्रसिð नाम से नामांक निकालकर उसका शुभ अंक ज्ञात किया जा सकता है, परन्तु यह सामान्य फल ही देता है।

इस प्रकार हम उपरोक्त तरीके से किसी भी व्यक्ति का शुभांक ज्ञात कर सकते हैं। हमें एक बात याद रखनी चाहिए कि जिस व्यक्ति का शुभांक, तिथि, वार, माह, वर्ष सभी का एक ही अंक आ रहा है, तो वह समय उस व्यक्ति के लिए शुभ ही शुभ होगा।

प्रस्तुति : ऐस्ट्रोवीजन